शहज़ाद अहमद
इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (आईआईएचएमआर) द्वारा अस्पतालों और स्वास्थ्य क्षेत्र में मैनेजमेंट की भूमिका पर एक सेमिनार का आयोजन
26 फरबरी 2020 को दिल्ली के आन्ध्रा एसोसिएषन में किया गया। इस मौके पर पर मुख्य वक्ता के रूप में अकादमिक डीन डॉ0 पी.के. पांडा, निदेशक डॉ ए.के. खोखर, सहायक डीन सुश्री दिव्या अग्रवाल, मार्केटिंग मैनेजर रिंकू सिंह और एचआर हेड सूरज राम ने अस्पतालों और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रबंधन की भूमिका पर अपने संभाशण में महत्वपूर्ण विचार दिए।अकादमिक डीन डॉ0 पी.के. पांडा ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य रक्षा का क्षेत्र काफी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों क्षेत्रों में अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है। अस्पतालों का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है। इसमें बायोटेक्नोलॉजी, फार्मास्युटिकल्स, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ओर सूचना तकनीक का ढांचा पूरी तरह से स्वास्थ्य क्षेत्र की मदद कर रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न क्षेत्रों का फोकस समय≤ पर शिफ्ट होता रहता है। अब नई महामारी और बड़ी संख्या में गैरसंक्रामक बीमारियां सभी देशों के लिए बड़ी चुनौती पेश कर रही है।वहीं निदेशक डॉ ए.के. खोखर ने कहा कि हाल ही में स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से हुई गतिविधियों ने हेल्थकेयर मैनेजमेंट सिस्टम में अभूतपूर्व बदलाव की जरूरत को उभारा है। मौजूदा ट्रेंड पिछले दशक के ट्रेंड से थोड़ा अलग है। पिछले दशक में हेल्थ सेक्टर का फोकस पूरी तरह उच्च रूप से प्रशिक्षित मेडिकल प्रोफेशनल्स और इलाज की आधुनिक तकनीक हासिल करने पर टिका था। आज हेल्थ सेक्टर का फोकस पूरी तरह मरीजों के देखभाल के क्वॉलिटी सर्विस डिलिवरी मॉडल की ओर शिफ्ट हो गया है। इसमें इलाज की लागत कम करने के लिए डॉक्टरों की सक्षमता पर ज्यादा जोर दिया जाता था। इस क्षेत्र में क्वॉलिटी हेल्थकेयर की बढ़ती जरूरत ने मरीजों की देखभाल का नया नजरिया अपनाने पर जोर दिया है। आजकल हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स की संख्या बढ़ रही है और उनका फोकस मरीजों पर पूरी तरह टिका है। हेल्थ केयर इंडस्ट्री ने स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की जरूरत और अहमियत को पहचाना है।सहायक डीन सुश्री दिव्या अग्रवाल ने कहा कि हेल्थ केयर मैनेजरों की मुख्य जिम्मेदारी एक ऐसा माहौल बनाना है, जिसमें क्वॉलिटी हेल्थकेयर के प्रावधान को बढ़ावा मिले और संस्थान की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए इलाज की फीस को नियंत्रण में रखा जा सके। इस दिशा में मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स बेहतरीन स्वास्थ्य रक्षा की सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध कराने में काफी अहमियत रखते हैं। वह स्वास्थ्य रक्षा मुहैया कराने के कारोबारी पहलू की देखरेख करते है। वह संस्थान में मौजूद हर विभाग का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करते हैं और मरीजों को इलाज की बेहतरीन सुविधाएं उपलबब्ध कराते है। उन्होने कहा कि हेल्थ केयर मैनेजर बजट को तय करते हैं। ऑर्डर देने और सप्लाई से संबंधित कामकाज देखते हैं। इसके अलावा वह एचआर विभाग भी देखते है। सर्विसेज और स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में संचार की सेवाओं की निगरानी करते है। वह मेडिकल फील्ड में हो रही तकनीकी प्रगति, मानकों, जरूरत और नियम संबंधी मुद्दों की नवीनतम जानकारी रखते हैं। उनके पास सभी प्रफेशनल्स के साथ काम करने की जरूरी योग्यताएं होती हैं। वह मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए विभिन्न संस्थानों से साझेदारी भी करते हैं।हेल्थकेयर मैनेजरों की जरूरत बढ़ती जा रही है। अस्पताल में वह पद हासिल करने के लिए हेल्थकेयर और हॉस्पिटल मैनेजमेंट की शिक्षा अनिवार्य है। हेल्थ मैनेजमेंट एजुकेशन में एक शीर्ष संस्थान इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (आईआईएचएमआर) एमबीए की डिग्री ऑफर करता है, जो पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन हॉस्पिटल एंड हेल्थ मैनेजमेंट के समकक्ष है। यह मूल रूप से उभरते हुए ग्रेजुएट्स के लिए स्पेशलाइज्ड एजुकेशन का कोर्स है, जिसे करने के बाद वह हेल्थकेयर सेक्टर में अपना शानदार कैरियर बना सकते हैं।हेल्थ केयर सेक्टर में इसकी अहमियत और योगदान को देखते हुए आईआईएचएमआर की ओर से दिया जाने वाला पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की ओर से दी जाने वाली डिग्री के समकक्ष होता है। आईआईएचएमआर की यह समर्पित कोर्स छात्रों को अस्पतालों और दूसरे स्वास्थ्य रक्षा के क्षेत्र में सेवाएं देने वाले संगठनों में मैनेजमेंट की भूमिका निभाने के लिए तैयार करता है। इस कोर्स का फोकस आधुनिक हेल्थकेयर मैनेजमेंट की विचारधारा और तकनीक पर फोकस करता है। वे छात्र, जो हेल्थकेयर मैनेजमेंट सेक्टर में अपना कैरियर बनाने में दिलचस्पी रखते हैं, उनके लिए अपने कैरियर को नई और शानदार शुरुआत देने के लिए आईआईएचएमआर एक आदर्श संस्थान है।